स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जो कि भारत की एक जानी-मानी और सबसे प्रसिद्ध एवं बड़ी बैंक अथॉरिटी है. भारत में हो रहे कोरोनावायरस टीकाकरण के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में ₹11 करोड रुपए की राशि के रूप में प्रदान की है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अथॉरिटी ने कहा कि भारत की स्वयं बनाए हुए मेड इन इंडिया कोरोनावायरस नेशन का प्रोसेस बहुत ही सफलतापूर्वक चल रहा है. हम इसमें सहयोग करना चाहते हैं जिसके लिए हमने प्रधानमंत्री राहत कोष में 11 करोड रुपए की धनराशि प्रदान की है

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया – नए मामले संज्ञान में
इसके साथ ही साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने यह भी कहा कि यह समय लोगों के साथ खड़े रहने का एवं उनके सहयोग करने का है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपना संपूर्ण सहयोग करने के लिए तत्पर है और यह उसके लिए अत्यंत गर्व की बात है कि वह भारत के इस बड़े कार्य के लिए अपना सहयोग दे रहा है
हालांकि इस बीच कोरोनावायरस के नए मामले संज्ञान में आना शुरू हुए हैं. जिसके कारण महाराष्ट्र और दिल्ली में एक भयावह स्थिति उत्पन्न होने की स्थिति बन रही है.
इस कारण से हमें कोरोनावायरस के टीकाकरण की प्रक्रिया को और तेजी से करने की जरूरत है. के कारण यह सभी लोगों तक बड़ी आसानी एवं सुगमता के साथ पहुंच सके और सभी लोग अपने आप को सुरक्षित कर सकें.
इसी कड़ी में कल प्रधानमंत्री जी ने स्वयं एम्स हॉस्पिटल में जा कर के अपने लिए कोरोनावायरस का टीकाकरण हासिल किया.

हालांकि शुरुआती रुझान या थी कोरोनावायरस का टीकाकरण अत्यंत महंगा होगा और यह सिर्फ कुछ प्रीमियम लोगों के लिए ही उपलब्ध होगा.
लेकिन भारत सरकार ने इसे लोगों के लिए अत्यंत एवं सभी के लिए उपलब्ध कराने के लिए कम कीमत पर लोगों तक पहुंचाया है. इसकी लागत मूल्य ₹250 है और यह पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों जैसे कि डॉ और अस्पताल के सभी कोरोनावायरस के साथ-साथ बुजुर्ग लोगों को लगाया जा रहा है.
स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों को ही टीकाकरण पहले क्यों किया जा रहा है?
सोशल मीडिया पर यह सवाल लोगों के लिए बहुत ही साधारण और बहुत ही रोचक बन रखा है लेकिन इसका प्रमुख कारण यह है कि जिस वक्त कोरोनावायरस की महामारी के समय स्थिति उस वक्त कोरोनावायरस ने एवं क्या आप को सुरक्षित रखा और सभी प्रकार की परिस्थितियों को पार करते हुए आज अपने आप को इस काबिल बनाया है तो उन्हें जा करने के लिए ताकि आने वाले समय में उन्हें किसी भी प्रकार की कोरोनावायरस की बीमारी ना हो कोरोनावायरस और बुजुर्गों को या टीकाकरण उपलब्ध कराया जा रहा है.
भारत सरकार के कोरोनावायरस टीकाकरण प्रोग्राम के तहत उनका यह अभियान 16 जनवरी 2021 को शुरू हुआ और सरकार इसे 30 करोड़ लोगों तक पहुंचाना चाहती है वह भी अगस्त 2021 तक.
इसी बीच जब सभी कोरोनावायरस के टीकाकरण के प्रोग्राम के तहत देशव्यापी अभियान चला रहे हैं तो उसी वक्त, रतन टाटा ने भी एक घोषणा करते हुए कहा कि वह अपने टाटा मोटर्स के सेगमेंट में इस प्रकार के ट्रकों का निर्माण करेंगे जो कि भारत के कोरोनावायरस टीकाकरण के लिए इजी ट्रक लोगों तक गांव गांव तक पहुंचने में आसानी उपलब्ध कराएंगे.
उनका यह स्पष्टीकरण भी था कि युवा भारत के बाजारीकरण के लिए यह कार्य नहीं कर रहे हैं बल्कि वह लोगों तक कोरोनावायरस के टीकाकरण को सुगमता के साथ एवं पूरी सुरक्षा के साथ पहुंचाने की वादे के साथ विभिन्न प्रकार के ट्रकों का निर्माण कर रहे हैं और यह अत्यंत कम लागत पर होगी.
कोरोनावायरस का टीकाकरण एक अत्यंत स्थिर माहौल में ही कार्य करता है यदि या उचित तापमान बनना हो तो इसके खराब होने का अंदेशा सबसे ज्यादा रहता है.
एक प्रमुख कारण है जिसके लिए ऐसी बसों की ज्यादा आवश्यकता है बसों के निर्माण के लिए टाटा मोटर सामने आए हैं जिन्होंने भारत सरकार के साथ टाईअप करके कम मूल्य पर गांव गांव एवं शहरों तक सभी प्रकार की सुविधाएं एवं टीका प्रदान करने का बीड़ा उठाया है