इंडिया की इस वक्त की भारत सरकार किसी भी प्रकार की क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाने के पक्ष में नहीं है. हालांकि जहां तक पहले 2014 से पहले का सवाल था, वहां पर मनमोहन सिंह ने, अपनी सरकार को यह निर्देश दिया था कि क्रिप्टोकरंसी पर किसी भी प्रकार की मंजूरी न दी जाए.
यहां तक कि कई सारे बिजनेस जो कि क्रिप्टो करेंसी और ब्लॉकचेन पर आधारित थे उन्होंने बंद करने का आदेश दिया गया था. जिसके कारण से इस नई टेक्नोलॉजी जो कि आने वाले समय का एक नया भविष्य हो सकती है उसका उसी समय भारत में तरीके से तिरस्कार कर दिया गया था.

Crypto Bill India | नए भविष्य की नई करेंसी
भारत सरकार बहुत ही जल्द क्रिप्टोकरंसी का बिल लेकर आने वाली है जो कि भारत के नए भविष्य का नया स्वरूप तय करने के लिए अग्रसर है. हालांकि जापान और चाइना जैसे देश ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इसके साथ अमेरिका ने भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के ऊपर काफी तेजी से काम करना शुरू कर दिया.
भारत सरकार की अधिसूचना के तहत गवर्नमेंट ने क्रिप्टो करेंसी के लिए एक बिल भी ड्राफ्ट कर लिया है जोकि बहुत जल्दी ही सूचना में अध्ययन किया जाएगा. हालांकि इस ड्राफ्ट के तहत कुछ पहलुओं को भारत सरकार प्रतिबंधित भी कर सकती है लेकिन कम से कम यह क्रिप्टोकरंसी और ब्लॉक चीन के तरफ एक नया कदम कहलाने के लिए काफी उचित होगा.
केंद्र सरकार अपने विनिमय बिल के द्वारा सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी प्रकार की लेजर का वितरण होने से पहले जब उसका प्रौद्योगिकी और सुविधाजनक ढांचे के अनुसार उपयोग हो सके. पहले की केंद्र सरकारों ने इसका विरोध इसीलिए किया था क्योंकि क्रिप्टोकरंसी संपत्ति का उपयोग अनेक अनौपचारिक कार्यों के लिए होता था. जैसे की बंदूकों की खरीद-फरोख्त, हवाले के पैसों का वितरण, लोगों की सुपारी देने के लिए, किसी भी प्रकार की तस्करी को करने के लिए इसके साथ अन्य भी कई इलीगल कार्य सुनिश्चित किए जाते थे.
लेकिन लगातार अब क्रिप्टोकरंसी की इस्तेमाल और उसकी प्रक्रिया में सुधार आ रहा है. ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी को ज्यादा सुरक्षित किया जा रहा है और यह सुनिश्चित कर याद आ रहा है कि किसी भी प्रकार की गलत गतिविधियों का प्रयोग ना हो.
मुद्रा विकल्प के रूप में क्रिप्टो करेंसी का उपयोग
आने वाले समय में केंद्र सरकार या चाहती है कि क्रिप्टोकरंसी को किसी भी मुद्रा विकल्प के रूप में सुनिश्चित किया जा सके. जिस प्रकार से पहले हाथों हाथ, नोटों या रुपयों का उपयोग होता था. जिसके कारण, काफी सारा समय, उसकी सही तरीके से ट्रैकिंग ना होना, मुद्रा के परिचालन में समस्या का सामना करना पड़ता था. जिसके कारण केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले सभी पुरानी नोटों को वापस लेने का आग्रह किया था.
इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा को ज्यादा आसान बनाया. इनमें प्रमुख बिजनेस के रूप में पेटीएम, गूगल pay, फोन pay और कई अन्य ऑनलाइन पेमेंट की सुविधाएं उपलब्ध करवाई है. जिनका उपयोग के भारत और अन्य सभी जगहों पर बहुत ही आसानी के साथ और सुगमता के साथ हो रहा है.
इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि आप इनकी ट्रेकिंग कर सकते हैं और किसी भी प्रकार कि गलत ट्रांजैक्शन उसको आप ट्रैक कर सकते हैं और उसे सही कर सकते हैं. यदि अपनी गलती से किसी के अकाउंट में भेज भी दिया है तो आप उस से रिक्वेस्ट कर सकते हैं और वह आपको जब भेजेगा तो उसका एक नोट भी आपके पास हो जाता है.
इसी प्रकार से भारत सरकार अब अपने, नहीं मुद्रा विनियम में यह चाहती है कि क्रिप्टोकरंसी को भी एक मुद्रा का विकल्प बनाया जाए. यदि आपके पास ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं है, यदि आपके पास हाथों-हाथ पैसे देने में सक्षम नहीं है. तो भारत में आपको यह सुविधा मिलेगी कि यदि आपके पास क्रिप्टोकरंसी है तो आप उसका भुगतान कर सकते हैं और यह मान्य होगा.
क्रिप्टो करेंसी बिल्कुल संसद में जल्दी पास किया जाएगा
भारत सरकार अपने इस मंशा को लेकर की इतनी सजक है कि भारत सरकार के फाइनेंस मिनिस्टर नहीं इस बात की खुले मंच पर चर्चा की कि वह जल्दी क्रिप्टोकरंसी पर संसद में एक बिल ले करके आएंगे जिसके कारण मुद्रा विनिमय करना ज्यादा आसान होगा और यह भारत सरकार के लिए माननीय भी होगा.
हालांकि इसमें अपनी बातों में जोड़ते हुए निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा, कि भारत सरकार को चीजों पर प्रतिबंध अवश्य लगाएगी जैसे कि क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग पर, क्रिप्टो करेंसी के जनरेशन पर, किसी भी प्रकार की होल्डिंग या सेलिंग और किसी भी प्रकार के ट्रांसफर पर या कुछ एक्सचेंज पर भी रोक लगा सकते हैं.
ऐसा बस सिर्फ कुछ आवश्यक चीजों के लिए ही करेंगे जहां पर उन्हें किसी भी प्रकार की प्रतिबंधित चीजों को होता हुआ देखा जाएगा.
भारत सरकार इसके लिए अपनी एक नई तकलीफ भी डिवेलप कर रही है. जितने की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के दोनों ने कई ने तकनीशियन को अप्वॉइंट किया है और अपनी टेक्नोलॉजी टीम को यह बता भी दिया है कि आप इस प्रक्रिया पर शुरू हो जाए.
क्रिप्टो करेंसी के लिए, भारत के बैंकों का रुझान क्या है?
भारत के बैंकों का रुझान क्रिप्टोकरंसी के लिए बहुत ज्यादा रुचिकर नहीं दिखता है. इसका प्रमुख कारण यह है कि क्रिप्टोकरंसी के आने से भारत के बैंकों पर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को तुरंत अपनाने का दबाव पड़ेगा. इसके अलावा, किसी भी बैंक की प्रमुख आधारशिला, उस की करेंसी का माध्यम होता है. भारत की बैंक या अन्य विदेशी बैंक भी, बाजार में वितरित होने वाले नोटों को लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बनते हैं. जिसके कारण उनकी मांग रहती है.
क्योंकि यदि व क्रिप्टो करेंसी ऑफ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को बना लेते हैं जो कि एक खुला हुआ माध्यम है तो इसके कारण बैंकों का माध्यम बनने में काफी समय या फिर जरूरत नहीं हो सकती है.
यही प्रमुख कारण है जिसके कारण बैंक क्रिप्टो करेंसी और रोशन टेक्नोलॉजी को सिर्फ अपनी टेक्नोलॉजी को इंप्रूव करने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं. जबकि वह नहीं चाहते कि यह, क्रिप्टो करेंसी खुले बाजार में लोगों के बीच में स्थापित हो सके.
किंतु इसी के बीच में भारत सरकार की इस पहल नहीं बहुत बड़ा कार्य यह है जोकि सराहनीय है.
आने वाले समय में यह देखना होगा कि भारत सरकार किस प्रकार से अपराधिक तत्वों, और टेक्नोलॉजी का गलत उपयोग करने वाले लोगों, तथा रुपए का अपने हिसाब से मूल्यांकन करने वाले किसी भी प्रतिबंधित तत्वों को किस प्रकार से रोकने में सफल होती है.
हालांकि क्रिप्टोकरंसी अभी सिर्फ अपनी शुरुआती दौर में है और इसका समर्थन मुकेश अंबानी, रतन टाटा, एलोन मस्क, अमिताभ बच्चन और अन्य कई बड़ी हस्तियां भी कर चुकी है.
यह तो साफ है कि भारत सरकार और अन्य बड़ी समझदार हस्तियां एवं कंपनियां ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी के पक्ष में है. इसलिए आने वाले भविष्य में क्रिप्टोकरंसी का नया दौर देखने के लिए मिलेगा.
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